शुक्रवार, 11 मार्च 2011

मानो या ना मानो पर सच है

कोन किसे सुधारेगा यहाँ सब चोर मौसेरे भाई हैँ तुम मुझे बचना मेँ तुम्ह बचाऊगाँ , दिल भर देश को लूट खायेगेँ ॥ मित्रौ मैँ इन्टरव्यू मेँ बुलकुल अनफिट नहीँ था ये बात नहीँ है मुझसे भी अयोग्य उमिमदवार लिये गये पर उने पास इन्मेँ से एक योग्यता थी । या तो वौ आर्य समाज से जुडे थे बचपन से या धन थे या मित्रवर्ग थे या सिफारिस लाये थे , इनके द्वारा चयन किया गया ये सबसे बडी योग्यता रहीँ पर दो सीट खाली रखने का भी विचार है पर पर ही रहेगा और इधर - उधर उडता रहेगा

1 टिप्पणी:

  1. कल रात्री एक फोन किया आज मुलाकात हुई उचित काम मेँ दिक्कत आई बताया और सिफारिस कराई जिसके पीछे मेँ छ महिने से घुम रहा था वो मैरे पीछे आया पता नहीँ क्या चमत्कार हुआ मोखिक आसवासन मिला आर डी सी फिस्स सीफारिस फिट हुई खाली रखना कानून के खिलाफ था और मैरा संघर्स भी था आखिर किरण दिखाई देनेँ लगी है देखते हैँ कितना कठिन मार्ग और है पहुचँगेँ मंजिल पर या पहले ही भष्टाचार निगल लेगा मुझा

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