शुक्रवार, 11 मार्च 2011

मानो या ना मानो पर सच है

कोन किसे सुधारेगा यहाँ सब चोर मौसेरे भाई हैँ तुम मुझे बचना मेँ तुम्ह बचाऊगाँ , दिल भर देश को लूट खायेगेँ ॥ मित्रौ मैँ इन्टरव्यू मेँ बुलकुल अनफिट नहीँ था ये बात नहीँ है मुझसे भी अयोग्य उमिमदवार लिये गये पर उने पास इन्मेँ से एक योग्यता थी । या तो वौ आर्य समाज से जुडे थे बचपन से या धन थे या मित्रवर्ग थे या सिफारिस लाये थे , इनके द्वारा चयन किया गया ये सबसे बडी योग्यता रहीँ पर दो सीट खाली रखने का भी विचार है पर पर ही रहेगा और इधर - उधर उडता रहेगा

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

2011 के गुरुकुल काँगडी विश्वविद्यालय हरिद्वार के दीक्षाँत मेँ लोक सभा अध्यक्ष माननिय मीरा कुमार जी

मेँ भारत सरकार से एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ कि सरकार भष्टाचार को बढावा दैने मेँ भष्टाचरियोँ का कब तक साथ देगी , हर विभाग ये कहकर बच जाता है कि उसने जानबूझकर नहीँ गलती से कर दिया कि परम्परा चलाने के लिये ही सरकारी धन का उपयोग करना चाहती है , उदाहरण के तोर पर गुरुकुल काँगडी विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा सन् 2009 का स्वर्ण पदक व प्रमाण -पत्र के 5 मार्च 2011 मेँ सहदेव शर्मा को दिये जाने की सूचना 4 मार्च तक भी दी चा रही थी , 4 मार्च रात्रि को फोन कर बताया गया कि आपके नाम को हटाया जाता है आप 5 मार्च 2011 प्रातः 9 बजे लिखित देँ की मेरी जगह देव स्वरूप आर्य का नाम आना चाहिये इसके लिये हमारे पी एच डी निर्देशक ( 10 मार्च की आर ॰ डी ॰ सी ॰ होने के बाद निर्देशक होने बाले ) भी कह रहेँ कि लिख दो , मुझे स्वर्ण पदक की भूख नहीँ है , विरोध करने पर आर॰ डी॰ सी॰ की कमेटी मुझे बाहर कर देगी , भारत मेँ भष्टाचार और पहुच के कारण योग्य उम्मीदवार को भी बाहर कर अयोग्य व्यक्ति को सम्मान दिया जाता है इसके लिये सरकार गम्भीर नहीँ है , गमभीर है नियम कानून के माध्यम से भष्टाचार करने के लिये प्रोतसाहन देकर देश का नाश करने के लिये

बुधवार, 19 जनवरी 2011

राम जानेँ

प्यार क्यूँ होता है राम जानेँ ,पर प्यार करना किसी के करानेँ से नहीँ अच्छे व्यवहार से होता है